What is Crystal | क्रिस्टल क्या है, कार्य, उपयोग, ऑसिलोस्कोप टेस्ट, मल्टीमीटर टेस्ट

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दोस्तों मैं हूँ खोमन साहू आप सबका स्वागत है चिपटेक सोल्यूशन में दोस्तों आज हम देखेंगे कि क्रिस्टल क्या है (What Is Crystal), यह कैसे काम करता है मात्रक, टेस्टिंग और इसका उपयोग कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी आज हम इस पोस्ट में पढ़ेंगे, दोस्तों आज का पोस्ट थोड़ा लंबा होने वाला है क्योंकि आज के पोस्ट में मैंने क्रिस्टल (Crystal) के बारे में पूरा डिटेल चित्र के साथ समझने की कोशिश की है, दोस्तों इस पोस्ट को हम गहन अध्ययन करने के बाद ही लिखते और पोस्ट करते हैं और आशा करते हैं कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आएगा और आपके ज्ञान में वृद्धि करेगा अगर आपको हमारे पोस्ट में कोई कमी हो तो कृपा हमें कमेंट बॉक्स में बताएं ।

क्रिस्टल के बारे में

क्रिस्टल एक आंतरिक उपकरण (Internal Component) है जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में उपयोग होता है। यह उपकरण संगठन के संचालन के लिए आवश्यक होता है और उपकरण के तकनीकी कार्यों को संभालने में मदद करता है। मोबाइल क्रिस्टल प्रायः सिलिकॉन आधारित प्रभावी तारीकों का उपयोग करके बनाया जाता है और फोन में इलेक्ट्रॉनिक व संचार संबंधित कार्यों को समर्पित किया जाता है।

What is Crystal Oscillator

मोबाइल क्रिस्टल के विभिन्न प्रकार हो सकते हैं, जिनमें संचार (communication) क्रिस्टल, गहना (clock) क्रिस्टल, ओएससिलेटर (oscillator) क्रिस्टल, और अन्य हो सकते हैं। इन क्रिस्टल के उपयोग से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के अंदर की कई तकनीकी प्रक्रियाएं जैसे कि संचार, टाइमिंग, क्लॉकिंग, और इलेक्ट्रॉनिक मार्केटिंग के कार्यों को सुनिश्चित किया जाता है।

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यह एक महत्वपूर्ण घटक है जो इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के सही तरीके से काम करने और उच्चतम दर्जे की दृश्यता, ध्वनि और संचार प्रदान करने में मदद करता है।

crystal-oscillator

क्रिस्टल का कार्य और उपयोग:

इसके उपयोग से, इलेक्ट्रॉनिक क्रिस्टल विभिन्न विशेषताओं को समर्पित करता है, जैसे कि:

  1. संचार (Communication): मोबाइल क्रिस्टल एक संचार क्रिस्टल के रूप में भी उपयोग होता है। यह एक तरीका है जिसके द्वारा मोबाइल फोन संगठित रूप से डेटा और आवाज को प्रेषित और प्राप्त करता है। संचार क्रिस्टल फोन के नेटवर्क कनेक्शन और वायरलेस संचार को समर्थन करने में मदद करता है, जिससे उपयोगकर्ता किसी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत कर सकता है या इंटरनेट के माध्यम से डेटा का उपयोग कर सकता है।
  2. क्लॉकिंग (Clocking) : एक क्लॉक (clock) क्रिस्टल के रूप में, मोबाइल क्रिस्टल मोबाइल फोन की सटीक समय और तारीख को सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह क्रिस्टल एक निरंतर तरांकन (oscillation) उत्पन्न करता है जो फोन के विभिन्न कार्यों को समकालीन रखने में मदद करता है, जैसे कि कॉल लॉग, संदेशों के समयबद्धता, अलार्म, और अन्य समय संबंधित कार्यों को संचालित करना। इसके बिना, फोन की समयबद्धता प्रभावित हो सकती है और कार्यों की सटीकता पर असर पड़ सकता है।
  3. ओएससिलेटर क्रिस्टल (Oscillator Crystal): मोबाइल क्रिस्टल एक ओएससिलेटर क्रिस्टल के रूप में भी उपयोग होता है। यह एक निरंतर तरांकन प्रदान करके इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली को समायोजित करने में मदद करता है। ओएससिलेटर क्रिस्टल सिग्नल का उत्पादन करता है जो संचार और संगठन के लिए आवश्यक होता है, जैसे कि बिजली की आपूर्ति, डेटा प्रसारण, आवाज संचार, और अन्य तकनीकी प्रक्रियाएं।
  4. आपातीय क्रिस्टल (Quartz Crystal): यह सबसे आम और व्यापक रूप से प्रयोग होने वाला क्रिस्टल है। यह सिलिका डाइऑक्साइड (silicon dioxide) या क्वार्ट्ज़ मिनरल से बना होता है और विभिन्न विद्युत उपयोगों के लिए उपयोग होता है, जैसे कि घड़ी, मोबाइल फोन, कंप्यूटर, और बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।
  5. वातावरणीय क्रिस्टल (Environmental Crystal): यह क्रिस्टल वातावरणीय परिवर्तनों को मापने के लिए उपयोग होता है। यह जलवायु और पर्यावरनीय तथा वातावरणीय प्रभावों के मापन के लिए उपयोग होता है। यह क्रिस्टल विभिन्न संवेदनशील परिवर्तनों को ध्यान में रखते हुए तारंगों या प्रवाहों के परिवर्तन को मापता है, जैसे कि तापमान, दबाव, आदि। इसका उपयोग मौसम रिपोर्टिंग, वैज्ञानिक अनुसंधान, नौगर्मी सिस्टम, और अन्य एप्लीकेशनों में किया जाता है।
  6. डाटा क्रिस्टल (Data Crystal): डाटा क्रिस्टल डेटा संग्रह और संचार के लिए उपयोग होता है। यह क्रिस्टल डेटा को सहेजने और पढ़ने के लिए उपयोग होता है, जिससे उपयोगकर्ता की सामग्री, फ़ाइलें, और अन्य डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसे चिप्स, कार्ड, या अन्य डेटा संग्रह उपकरणों में एक प्रकार के क्रिस्टल रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है।
  7. क्वार्ट्ज क्रिस्टल (Quartz Crystal): क्वार्ट्ज क्रिस्टल विभिन्न उपकरणों में विद्युतीय ताल मापन और समय निर्धारित करने के लिए उपयोग होता है। मोबाइल और लैपटॉप में, क्वार्ट्ज क्रिस्टल रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) सिग्नलों को ताल मापन करके सही फ़्रीक्वेंसी प्रदान करता है। इससे संचार प्रणालियों की स्थिरता बढ़ती है और उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि और डेटा प्रसारण सुनिश्चित होता है।
  8. इंडक्शन क्रिस्टल (Induction Crystal): इंडक्शन क्रिस्टल मोबाइल और लैपटॉप में वायरलेस चार्जिंग (Wireless Charging) के लिए उपयोग होता है। यह क्रिस्टल विद्युत ऊर्जा को बेसिक चार्जिंग पैड पर संचार करने में सहायता करता है, जिससे आप अपने मोबाइल या लैपटॉप को तार के बिना चार्ज कर सकते हैं।
  9. लिथियम निबंधन संचार क्रिस्टल (Lithium Niobate Communication Crystal): यह क्रिस्टल ऑप्टिकल कम आवेदन (Optical Communication) के लिए मोबाइल और लैपटॉप में उपयोग होता है। लिथियम निबंधन संचार क्रिस्टल विभिन्न उपकरणों में इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को ओप्टिकल संकेतों में परिवर्तित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग फाइबर ऑप्टिक कैबल (Fiber Optic Cable) माध्यम से डेटा और ध्वनि संचार करने में होता है। यह उच्च गति, उच्च क्षमता और अविलोमी संचार प्रदान करता है।
  10. डिस्प्ले क्रिस्टल (Display Crystal): मोबाइल और लैपटॉप में उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के डिस्प्ले (जैसे TFT, IPS, OLED) के लिए विशेष क्रिस्टल प्रयुक्त होते हैं। ये क्रिस्टल विद्युतीय प्रवाह को नियंत्रित करके उच्च गुणवत्ता और विविधता वाली चित्र प्रदर्शित करने में मदद करते हैं।
  11. सेंसर क्रिस्टल (Sensor Crystal): मोबाइल और लैपटॉप में विभिन्न प्रकार के सेंसर (जैसे कि ग्राविटी सेंसर, इंफ्रारेड सेंसर, उच्च गति कैमरा) के लिए भी क्रिस्टल प्रयोग होते हैं।
  12. अवरोहणकारीता कंपोनेंट (Decoupling Component): क्रिस्टल मोबाइल और लैपटॉप में संगणकीय परिपथों में अवरोहणकारीता के लिए उपयोग होता है। यह वाइब्रेशन और इंटरफीरेंस को रोकने के लिए अन्य घटकों से अलग करता है और सुनिश्चित करता है कि क्रिस्टल का उपयोग करके एक संगणकीय घटक पर प्रभाव नहीं पड़ता।
  13. घटकों का संचालन (Clocking Component): क्रिस्टल का उपयोग डिजिटल संगणकीय परिपथों में घटकों को संचालित करने के लिए होता है। यह सिस्टम के तीव्रता और सटीकता को सुनिश्चित करने में मदद करता है और संगणकीय घटकों को समय निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  14. रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) संचार: मोबाइल और लैपटॉप में क्रिस्टल रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) संचार के लिए उपयोग होता है। यह क्रिस्टल वाणी, डेटा, और अन्य संगणकीय संकेतों को RF तालमान सिग्नल में परिवर्तित करने के लिए उपयोग होता है। यह सुनिश्चित करता है कि डिजिटल डेटा सुरक्षित रूप से संचारित होता है और संचार की स्थिरता बनी रहती है।
  15. प्रकाश संग्रह (Light Storage): क्रिस्टल के कुछ प्रकार प्रकाश संग्रह के लिए उपयोग होते हैं। इन क्रिस्टल के माध्यम से प्रकाश को संग्रहित किया जा सकता है और इसे धीरे-धीरे विकिरण किया जा सकता है। इस तकनीक का उपयोग कैमरों, लेजर, और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है जहां उच्च संगति और गहराई की आवश्यकता होती है। ये तकनीक चिप्स, सेंसर्स, ऑप्टिकल कम्युनिकेशन उपकरणों, और सौर ऊर्जा संयंत्रों में उपयोग होती है।
  16. ओप्टिकल संचार: क्रिस्टल ओप्टिकल संचार के लिए भी उपयोग होता है। यह क्रिस्टल विभिन्न ऑप्टिकल कंपोनेंट्स के साथ संगठित होता है और डेटा को ओप्टिकल सिग्नल में परिवर्तित करने के लिए प्रयोग होता है। इसे फाइबर ऑप्टिक केबल और डिजिटल संचार के लिए प्रयुक्त किया जाता है। यह ऊर्जा को व्यापक क्षेत्र में और अधिक गति के साथ संचार करने में मदद करता है।
  17. तरंग क्षेत्र (Frequency Regulation): क्रिस्टल विभिन्न संगणकीय उपकरणों में तरंग क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होता है।
  18. डिस्प्ले प्रदर्शन (Display Performance): मोबाइल और लैपटॉप के डिस्प्ले में क्रिस्टल उपयोग होता है जो उच्च गुणवत्ता और विविधता वाले चित्र प्रदर्शित करने में मदद करता है। TFT (Thin Film Transistor) और IPS (In-Plane Switching) प्रौद्योगिकियों में क्रिस्टल शामिल होता है, जो उच्च संक्रांति, संपर्क कार्यक्रम, और अच्छी दृश्यता प्रदान करता है। OLED (Organic Light-Emitting Diode) डिस्प्ले में भी क्रिस्टल उपयोग होता है जो उच्च कंट्रास्ट और अच्छी रंग निकटता प्रदान करता है।
  19. ध्वनि और संगीत (Audio and Music): मोबाइल और लैपटॉप में क्रिस्टल ध्वनि और संगीत के लिए उपयोग होता है। यह ऑडियो संकेतों को अनुकूलित करने और उच्च गुणवत्ता वाली संगीत प्रदर्शित करने में मदद करता है। क्रिस्टल के उच्च अभिन्नता और स्थिरता से, आप मोबाइल और लैपटॉप में बेहतरीन संगीत अनुभव कर सकते हैं।
  20. तकनीकी संवाद (Technical Communication): क्रिस्टल मोबाइल और लैपटॉप में तकनीकी संवाद के लिए भी उपयोग होता है। इसका उपयोग क्रिस्टल को तकनीकी संवाद के लिए उपयोग किया जाता है ताकि संगणकीय उपकरण और उपकरणों के बीच डेटा और जानकारी का निर्धारित और सुरक्षित संचार संभव हो सके।
  21. संचार प्रोटोकॉल्स (Communication Protocols): क्रिस्टल संचार प्रोटोकॉल्स के लिए भी उपयोग होता है, जो उपकरणों के बीच डेटा के निर्देशन और प्रवाहन को नियंत्रित करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि संगणकीय उपकरण एक-दूसरे के साथ संचार करते समय निर्दिष्ट संकेतों और प्रोटोकॉल्स का पालन करें।
  22. वॉल्टेज और सिग्नल स्तर (Voltage and Signal Levels): क्रिस्टल उपकरणों में वॉल्टेज और सिग्नल स्तर को नियंत्रित करते हैं।
  23. समय मापन (Timekeeping): क्रिस्टल क्वार्ट्ज़ के उपयोग से निर्मित क्रिस्टल ओएससिलेटर्स मोबाइल फोन, घड़ी, कम्प्यूटर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में समय मापन करने के लिए उपयोग होते हैं। यह क्रिस्टल वांछित तारीख, समय, और संचार प्रोटोकॉल की सुगमता और सटीकता की सुनिश्चित करते हैं।
  24. आवाज संचार (Audio Communication): ऑडियो आवाज संचार उपकरणों में भी क्रिस्टल का उपयोग होता है। यह क्रिस्टल में तारंग उत्पन्न करके आवाज को डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली आवाज संचार प्रदान करते हैं। जैसे – माइक
  25. इलेक्ट्रॉनिक संचार (Electronic Communication): क्रिस्टल के विभिन्न प्रकार, जैसे कि संचार क्रिस्टल और ऑसिलेटर क्रिस्टल, इलेक्ट्रॉनिक संचार प्रणाली में उपयोग होते हैं। इन क्रिस्टल से उत्पन्न तारंगों का उपयोग करके डेटा प्रसारण, वायरलेस कम्युनिकेशन किया जा सकता है।
  26. आवृत्ति निर्धारण (Frequency Determination): क्रिस्टल के उपयोग से आवृत्ति निर्धारण किया जाता है। क्रिस्टल ओएससिलेटर्स आवृत्ति को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं और संचार उपकरणों में सुगमता और स्थिरता प्रदान करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि उपकरणों के बीच यूनिफॉर्म आवृत्ति होती है और इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को सही तारीके से प्रसारित किया जा सकता है।
  27. तापमान मापन (Temperature Sensing): क्रिस्टल के कुछ प्रकार, जैसे कि थर्मिस्टर, तापमान को मापने के लिए उपयोग होते हैं।
  28. अभिलेखन (Sensing): क्रिस्टल को अभिलेखन के लिए भी उपयोग किया जाता है। यह अभिलेखन उपकरणों में उपयोग किया जाता है जो विभिन्न प्रकार की ऊर्जा, प्रभाव, या परिवर्तनों को मापते हैं। इससे आपको जानकारी मिलती है कि एक परिवर्तन कितना बड़ा है या कितना संवेदनशील आपकी परिकल्पना के साथ अभिलेखन किया जा सकता है।
  29. द्रव्यमान (Mass Measurement): कुछ क्रिस्टल वजन को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं। ये क्रिस्टल बल के प्रभाव को मापते हैं और इससे वजन की मात्रा को निर्धारित करते हैं। इसे उपयोगकर्ता के लिए सुगमता और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
  30. अविलोमीकरण (Polarization): कुछ क्रिस्टल, जैसे कि पाइज़ोइलेक्ट्रिक क्रिस्टल, अविलोमीकरण के लिए उपयोग होते हैं। ये क्रिस्टल विद्युत धारा की गति, दिशा और ध्येय को बदलने की क्षमता रखते हैं। इन्हें उपयोग करके विभिन्न विद्युत उपकरणों, दर्पणों, और प्रदर्शन पदार्थों में विद्युत पोलराइज़ेशन को नियंत्रित किया जा सकता है।
  31. ऑप्टिकल स्विचिंग (Optical Switching): कुछ क्रिस्टल, जैसे कि लिथियम निबंधन संचार क्रिस्टल, ऑप्टिकल स्विचिंग में उपयोग होते हैं। ये क्रिस्टल विद्युत धाराओं को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग होते हैं, जिससे उच्च गति और निर्भर बदलाव की आवश्यकता होती है। ऑप्टिकल स्विचिंग तकनीक के माध्यम से विभिन्न डेटा और संचार पथों को संचालित किया जाता है।

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यहाँ दिए गए कार्यों के अलावा भी क्रिस्टल के अन्य कार्य हो सकते हैं, जो विभिन्न उपयोगकर्ता आवश्यकताओं के आधार पर विकसित किए जाते हैं। क्रिस्टलों की स्थिरता, अनुकरणीयता, और धनात्मक गुणवत्ता के कारण वे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, संचार प्रणालियों, वैज्ञानिक उपकरणों, चिकित्सा उपकरणों, और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण हैं।

क्रिस्टल का मल्टीमीटर (Multimeter) से टेस्ट:

  1. मल्टीमीटर को वोल्टेज रेंज पर सेट करें: मल्टीमीटर में वोल्टेज (Voltage) रेंज को इनपुट के अनुकूल रेंज पर सेट करें। क्रिस्टल के वोल्टेज रेंज को अधिकांश मल्टीमीटर रेंजों के अंतर्गत मापा जा सकता है।
  2. प्राथमिक जांच: मल्टीमीटर के लिए प्राथमिक जांच के लिए प्रोब या प्राथमिक टेस्ट प्रॉब को क्रिस्टल के आंतरिक और बाह्य संपर्क में लगाएं।
  3. मापन करें: मल्टीमीटर के डिस्प्ले पर वोल्टेज या रेसिस्टेंस (Resistance) की मापन मान प्रदर्शित होगी। क्रिस्टल के वोल्टेज या रेसिस्टेंस मान को ध्यान से देखें।

Crystal Oscillator

यह जांच केवल क्रिस्टल के वोल्टेज या रेसिस्टेंस को मापने के लिए है। इसके अलावा, क्रिस्टल के अन्य विशेषताओं जैसे कि अवरोहणकारीता (Decay), ध्यानार्धकता (Q-factor), आवृत्ति (Frequency) आदि को मल्टीमीटर से नहीं जांचा जा सकता है। ऐसी जांच के लिए विशेष उपकरण और तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता होती है। क्रिस्टल के अन्य विशेषताओं की जांच के लिए विशेष उपकरण जैसे लेबोरेटरी उपकरण, ऑस्किलोस्कोप (Oscilloscope), फ़ंक्शन जनरेटर (function generator), इत्यादि का उपयोग किया जाता है। इन उपकरणों की सहायता से आप जांच सकते हैं कि क्रिस्टल कितनी ऊर्जा को ग्रहण करता है, कितनी ऊर्जा को विकिरण करता है, कितना संवेदनशील है, और अन्य विशेषताओं को माप सकते हैं।

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क्रिस्टल का ऑसिलोस्कोप से टेस्ट

Crystal Oscilloscope

क्रिस्टल को ऑस्किलोस्कोप के माध्यम से टेस्ट करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:
  1. ऑस्किलोस्कोप कनेक्ट करें: ऑस्किलोस्कोप के पीछे एक चैनल इनपुट (Channel Input) पोर्ट होगा। एक साधारण तरीका है कि आप इसे एक बटन या रोटरी स्विच के माध्यम से कंट्रोल कर सकेंगे।
  2. क्रिस्टल कनेक्ट करें: क्रिस्टल के दो संयोजक पिन होंगे। एक पिन को आप ऑस्किलोस्कोप के संयोजक पिन में कनेक्ट करें और दूसरी पिन को ऑस्किलोस्कोप के सामान्य  ग्राउंड (ground) पर कनेक्ट करें।
  3. ऑस्किलोस्कोप को सेट करें: ऑस्किलोस्कोप को संचालित करें और उपयुक्त सेटिंग्स को चयन करें। इसमें समय-आधारित (time-based) और ध्वनिक (analog) पैरामीटर शामिल हो सकते हैं।
  4. क्रिस्टल की विधियों को देखें: क्रिस्टल उपकरण की विधियाँ और तरंग प्रदर्शित होंगी। यह आपको उपकरण के संगणकीय विशेषताओं, वॉल्टेज स्तरों, तालमान और अन्य विवरणों की जांच करने में मदद करेगा।
  5. डेटा अनुकरण: ऑस्किलोस्कोप पर डेटा को अनुकरण करें। इसके लिए, आप ऑस्किलोस्कोप की संख्यात्मक प्रदर्शन (numeric display) का उपयोग कर सकते हैं या वेवफॉर्म (waveform) को स्क्रीन पर देख सकते हैं। यह आपको क्रिस्टल के संगणकीय ध्वनि और तरंग की जांच करने में मदद करेगा।
  6. मापन और विश्लेषण: ऑस्किलोस्कोप के माध्यम से मिले डेटा का मापन और विश्लेषण करें। आप तरंग की आवृत्ति, अंतराल, अंदाज, ध्वनि की ऊचाई और अन्य महत्वपूर्ण पैरामीटरों का पता लगा सकते हैं।
  7. अभियांत्रिकी जांच: क्रिस्टल को ऑस्किलोस्कोप के माध्यम से टेस्ट करके, आप उपकरण की अभियांत्रिकी की जांच कर सकते हैं। इससे आप उपकरण के कामकाज, संचार प्रक्रिया, अंतरफलक आवृत्ति, तरंग परिवर्तन और अन्य संबंधित परीक्षण कर सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि क्रिस्टलों की जांच और मापन विशेष ज्ञान और तकनीकी माहरत की आवश्यकता प्रकट कर सकती है, और इसे सावधानीपूर्वक और विशेषज्ञता से करना चाहिए। अगर आपको किसी विशेष क्रिस्टल के मापन या जांच की आवश्यकता होती है, तो विशेषज्ञ या उच्च स्तरीय तकनीकी पेशेवर की सलाह लेना सुरक्षित और उपयोगी होगा।

तो दोस्तों आज के इस Post में हमने देखा कि क्रिस्टल क्या है (What Is Crystal) यह कैसे काम करता है इसका उपयोग कैसे किया जाता है आशा करते हैं कि यह Post आप को पसंद आया होगा आपको इसी तरह का और Post मिलते रहे इसके लिए आप हमारी website को Follow करते रहो आशा करते हैं कि आज की ये टॉपिक में हमने हैं तो आपको Crystal के बारे में सही जानकारी दिया है अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या है तो आप हमारे Comment Box में Comments कर सकते हैं और अगर यह Post आपको अच्छा लगा तो अपने दोस्तों को Share करे Comment और Like करे। धन्यावाद

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मैं खोमन साहू इस ब्लॉग का संस्थापक और एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हूं। यहाँ पर मैं अपने अनुभव नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करता हूं।

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