History of Computer: कंप्यूटर विज्ञान का क्षेत्र जो धीरे-धीरे हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, उसका इतिहास काफी रोचक है। इस लेख में हम इसे दो भागों में विभाजित करेंगे। पहला हिस्सा है ‘कंप्यूटर का पश्चिमी इतिहास‘ जहां हम विश्व के पश्चिमी देशों के कंप्यूटर विकास की बात करेंगे। और दूसरा हिस्सा है ‘कंप्यूटर का भारतीय इतिहास‘ जहां हम भारत में कंप्यूटर के विकास की ओर ध्यान देंगे।
कंप्यूटर का पश्चिमी इतिहास
कंप्यूटर के विकास का इतिहास लंबा और जटिल है। इसके विकास में कई वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का योगदान रहा है। कंप्यूटर के विकास को आमतौर पर पांच पीढ़ियों में बांटा जाता है।
पहली पीढ़ी (1940-1955)
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर वैक्यूम ट्यूबों पर आधारित थे। ये कंप्यूटर बहुत बड़े और महंगे थे। इनमें बहुत कम मेमोरी होती थी और इनका प्रोग्रामिंग करना बहुत मुश्किल होता था।
पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों में एनायलटिकल इंजन, यूनियन कंप्यूटिंग मशीन, इलेक्ट्रॉनिक डिफरेंस इंजन, मैनचेस्टर मार्क 1, एडवर्ड्स अमीटरिकल मशीन, और इलेक्ट्रॉनिक नम्बर इंक्यूबेटर शामिल हैं।
दूसरी पीढ़ी (1955-1965)
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ट्रांजिस्टरों पर आधारित थे। ट्रांजिस्टर वैक्यूम ट्यूबों की तुलना में बहुत छोटे, सस्ते और कुशल थे। इससे कंप्यूटर छोटे और सस्ते हो सके।
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में एसईसी 100, अटारी 280, आईबीएम 1401, आईबीएम 1620, डेनिस रैपिडॅन, और बीईसी 650 शामिल हैं।
तीसरी पीढ़ी (1965-1975)
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) पर आधारित थे। IC एक ही सिलिकॉन चिप पर कई ट्रांजिस्टरों को एकीकृत कर देते हैं। इससे कंप्यूटर और भी छोटे और सस्ते हो सके।
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में आईबीएम 360, डीईसी पीपीसी, एएमडी 6800, एआरसीए एनसीपी 800, और एएमपीॅल 4300 शामिल हैं।
चौथी पीढ़ी (1975-वर्तमान)
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर माइक्रोप्रोसेसर पर आधारित हैं। माइक्रोप्रोसेसर एक एकीकृत सर्किट है जो कंप्यूटर के सभी प्रमुख कार्यों को नियंत्रित करता है।
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटरों में एमएस-डॉस, मैक ओएस, यूनिक्स, लिनक्स, और विंडोज शामिल हैं।
पांचवी पीढ़ी (1980-वर्तमान)
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित हैं। ये कंप्यूटर अभी भी विकास के अधीन हैं, लेकिन इनमें बहुत बड़ी क्षमता है।
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पहले कंप्यूटर सिस्टम
पहले कंप्यूटर सिस्टम को दो श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- यांत्रिक कंप्यूटर: इन कंप्यूटरों में पहिया, स्लाइड्स, और अन्य यांत्रिक भाग होते थे।
- इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर: इन कंप्यूटरों में इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग किया जाता था।
यांत्रिक कंप्यूटर
यांत्रिक कंप्यूटरों में पहिया, स्लाइड्स, और अन्य यांत्रिक भाग होते थे। इन भागों को एक दूसरे के साथ जोड़कर गणनाओं को किया जाता था।
यांत्रिक कंप्यूटरों के कुछ उदाहरण हैं:
- अबेकस: यह सबसे पुराना ज्ञात कंप्यूटर है। इसका निर्माण लगभग 3000 वर्ष पहले चीन में किया गया था।
- पास्कलाइन: इसका निर्माण ब्लाइस पास्कल ने 17वीं शताब्दी में किया था। यह एक एडिंग मशीन थी जो दो अंकों को जोड़ और घटा सकती थी।
- डिफरेंस इंजन: इसका निर्माण चार्ल्स बैबेज ने 1822 में किया था। यह एक जटिल गणितीय समीकरणों को हल कर सकता था।
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों में इलेक्ट्रॉनिक्स का उपयोग किया जाता था। इन कंप्यूटरों में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होते थे जो गणनाओं को करने के लिए जिम्मेदार होते थे।
इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटरों के कुछ उदाहरण हैं:
- ENIAC: इसका निर्माण जॉन मॉचली और जे. प्रेस्पर एकर्ट ने 1946 में किया था। यह पहला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था।
- UNIVAC I: इसका निर्माण जॉन मॉचली और जे. प्रेस्पर एकर्ट ने 1951 में किया था। यह पहला व्यावसायिक इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था।
- IBM 1401: इसका निर्माण IBM ने 1959 में किया था। यह पहला व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था।
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पर्सनल कंप्यूटर (PC)
पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) एक प्रकार का कंप्यूटर है जिसे एक व्यक्ति या छोटे समूह द्वारा उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। पीसी आमतौर पर छोटे, सस्ते, और उपयोग में आसान होते हैं।
पीसी का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि:
- कार्यालय कार्य, जैसे कि दस्तावेज़ तैयार करना, स्प्रेडशीट का उपयोग करना, और ईमेल भेजना।
- मनोरंजन, जैसे कि गेम खेलना, संगीत सुनना, और फिल्में देखना।
- शिक्षा, जैसे कि ऑनलाइन पाठ्यक्रम लेना और अनुसंधान करना।
पीसी का उपयोग व्यवसायों, सरकारों, और शिक्षा संस्थानों द्वारा किया जाता है।
वैधानिक प्रणाली में उपयोग
वैधानिक प्रणाली वह प्रणाली है जिसके द्वारा एक देश के कानून बनाए जाते हैं, लागू होते हैं, और लागू होते हैं। वैधानिक प्रणाली का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी नागरिकों को कानूनों के समान संरक्षण प्राप्त हो।
निम्नलिखित कुछ उदाहरण हैं कि कैसे व्यक्तिगत कंप्यूटर वैधानिक प्रणाली के कार्यान्वयन में उपयोग किए जाते हैं:
- कानूनों का संग्रह: पीसी का उपयोग कानूनों को एक केंद्रीय स्थान पर संग्रहीत करने के लिए किया जा सकता है। यह कानूनों तक पहुंच को आसान और सुविधाजनक बनाता है।
- कानूनों की खोज: पीसी का उपयोग कानूनों की खोज के लिए किया जा सकता है। यह न्यायाधीशों, वकीलों, और अन्य कानूनी पेशेवर को कानूनों को जल्दी और आसानी से खोजने में मदद करता है।
- कानूनों का अनुप्रयोग: पीसी का उपयोग कानूनों के अनुप्रयोग को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। यह यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि कानून सभी नागरिकों के लिए समान रूप से लागू होते हैं।
कंप्यूटर वैधानिक प्रणाली को और अधिक कुशल और प्रभावी बनाने में मदद करने के लिए जारी रहेंगे।
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कंप्यूटर का भारतीय इतिहास
कंप्यूटर का भारतीय इतिहास प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। सबसे पहले कंप्यूटर जैसी मशीनों का उपयोग गणनाओं के लिए किया जाता था। इन मशीनों में पहिया, स्लाइड्स, और अन्य यांत्रिक भाग होते थे।
आगंतुकों की उपस्थिति
16वीं शताब्दी में, यूरोपीय आगंतुक (Visitors) भारत आए और उन्होंने भारतीयों को यांत्रिक कंप्यूटरों के बारे में बताया। इन आगंतुकों में से एक, फ्रांसीसी यात्री जीन-बैप्टिस्ट टेवर्नेयर ने 1666 में लिखा कि “भारतीयों के पास एक प्रकार का कैल्कुलेटर है जो 10 अंकों तक की गणना कर सकता है।”
कंप्यूटर का प्रयोग विज्ञान में
18वीं शताब्दी में, भारतीय गणितज्ञों ने कंप्यूटरों का उपयोग विज्ञान में करने के लिए शुरू किया। इन गणितज्ञों में से एक, रामानुजन ने 1903 में एक जटिल गणितीय समीकरण को हल करने के लिए एक यांत्रिक कंप्यूटर का उपयोग किया।
भारत में कंप्यूटर का प्रयोग और विकास
20वीं शताब्दी में, भारत में कंप्यूटरों का प्रयोग और विकास शुरू हुआ। 1952 में, भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) ने भारत का पहला कंप्यूटर, TIFRAC का अधिग्रहण किया। TIFRAC एक एनालॉग कंप्यूटर था जिसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता था।
1960 के दशक में, भारत में कंप्यूटरों का उपयोग व्यवसायों और सरकारों द्वारा शुरू हुआ। 1965 में, भारतीय रेलवे ने भारत का पहला डिजिटल कंप्यूटर, IBM 1401 का अधिग्रहण किया।
1970 के दशक में, भारत में कंप्यूटरों का उपयोग और अधिक व्यापक हो गया। 1975 में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय अनुसंधान विकास परिषद (CSIR) की स्थापना की, जो कंप्यूटर अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है।
1980 के दशक में, भारत में कंप्यूटर उद्योग तेजी से विकसित हुआ। 1984 में, भारत का पहला कंप्यूटर निर्माता, HCL की स्थापना हुई।
1990 के दशक में, भारत में कंप्यूटरीकरण ने गति पकड़ी। 1991 में, भारत सरकार ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की, जिसने भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) उद्योग के विकास को बढ़ावा दिया।
21वीं सदी में, भारत में कंप्यूटरीकरण तेजी से विकसित हो रहा है। भारत अब दुनिया के प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी केंद्रों में से एक है।
सिद्धार्थ और परम कंप्यूटर
भारत में विकसित पहला कंप्यूटर सिद्धार्थ था। इसे इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन ऑफ इंडिया (ईसीआई) ने बनाया था। इसे पहली बार साल 1986 में 16 अगस्त को बैंगलोर हेड पोस्ट ऑफिस (डाकघर) में लगाया गया था। यह एक 16-बिट मशीन थी जिसकी मेमोरी 128 किलोबाइट थी। इसका उपयोग मुख्य रूप से डाक सेवाओं के लिए किया जाता था।
भारत में विकसित पहला सुपर कंप्यूटर परम था। इसे सी-डैक (Centre for Development of Advanced Computing) ने बनाया था। इसे पहली बार साल 1991 में कोलकाता में लगाया गया था। यह एक 1.9 गीगाफ्लॉप्स मशीन थी जिसकी मेमोरी 256 मेगाबाइट थी। इसका उपयोग मुख्य रूप से वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता था।
सिद्धार्थ और परम दोनों ही अपने समय के लिए काफी उन्नत कंप्यूटर थे। इनका विकास भारत में कंप्यूटर उद्योग के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
भारत में कंप्यूटर का प्रयोग और विकास के कुछ उदाहरण
- विज्ञान: भारत में कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता है। इन अनुसंधानों में शामिल हैं मौसम विज्ञान, चिकित्सा अनुसंधान, और अंतरिक्ष अन्वेषण।
- व्यापार: भारत में कंप्यूटर का उपयोग व्यवसायों द्वारा किया जाता है। इन व्यवसायों में शामिल हैं बैंकिंग, वित्त, और विनिर्माण।
- सरकार: भारत में कंप्यूटर का उपयोग सरकार द्वारा किया जाता है। इन अनुप्रयोगों में शामिल हैं कर संग्रह, सामाजिक सुरक्षा, और नागरिक सेवाएं।
- शिक्षा: भारत में कंप्यूटर का उपयोग शिक्षा में किया जाता है। इन अनुप्रयोगों में शामिल हैं ऑनलाइन पाठ्यक्रम, कंप्यूटर सहायित शिक्षा, और दूरस्थ शिक्षा।
भारत में कंप्यूटर का प्रयोग और विकास जारी रहेगा। कंप्यूटर भारत के समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।
FAQs
Q. कंप्यूटर का जन्म कब और कहां हुआ?
Ans. Charles Babbage नें 1822 में “डिफरेंशिअल इंजन” नाम के मैकेनिकल कंप्यूटर का आविष्कार किया था।इसके बाद 1938 में United States Navy ने इलेक्ट्रो मैकेनिकल कंप्यूटर बनाया था।
Q. कंप्यूटर का पुराना नाम क्या है?
Ans. कंप्यूटर औपचारिक नाम 1937 से “ट्यूरिंग मशीन” था।
Q. पहला कंप्यूटर कहाँ बना था?
Ans. सबसे पहला डिजिटल या सांख्यिकी कंप्यूटर अमेरिका की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी में सन् 1946 में बनाया गया था। इसे ENIAC (Electronic Numerical Indicator and Calculator) का नाम दिया गया।
Q. भारत में कंप्यूटर कब आया है?
Ans. 1952 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता में पहला कंप्यूटर स्थापित किया गया था।
Q. दुनिया का सबसे तेज कंप्यूटर कौन सा है?
Ans. दुनिया के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर Frontier है।
Q. भारत में विकसित पहला कंप्यूटर कौन सा था?
Ans. भारत में विकसित पहला कंप्यूटर सिद्धार्थ था।
Q. भारत में विकसित पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा था?
Ans. भारत में विकसित पहला सुपर कंप्यूटर परम था।