What Is Transistor | ट्रांजिस्टर क्या है, प्रकार, उपयोग, कार्य और टेस्टिंग

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Hello… दोस्तों मैं हूँ खोमन साहू आप सबका स्वागत है चिपटेक सोल्यूशन में दोस्तों आज हम देखेंगे कि ट्रांजिस्टर क्या है (What Is Transistor) यह कैसे काम करता है मात्रक, टेस्टिंग और इसका उपयोग कैसे किया जाता है इसकी पूरी जानकारी आज हम इस पोस्ट में पढ़ेंगे, दोस्तों आज का पोस्ट थोड़ा लंबा होने वाला है क्योंकि आज के पोस्ट में मैंने Transistor के बारे में पूरा डिटेल चित्र के साथ समझने की कोशिश की है, दोस्तों इस पोस्ट को हम गहन अध्ययन करने के बाद ही लिखते और पोस्ट करते हैं और आशा करते हैं कि आपको हमारा यह पोस्ट पसंद आएगा और आपके ज्ञान में वृद्धि करेगा अगर आपको हमारे पोस्ट में कोई कमी हो तो कृपा हमें कमेंट बॉक्स में बताएं ।

ट्रांजिस्टर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो विद्युत बिजली के विभिन्न उपकरण में उपयोग होता है। यह अर्धचालक या सेमीकंडक्टर प्रणाली का एक महत्वपूर्ण रूप है और विद्युत संकेतों (Signal) को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ट्रांजिस्टर का आविष्कार विलियम शॉक्ले, वॉल्टर हॉर्नेक, और जॉन बर्डीन द्वारा 1947 में किया गया था, जिसके लिए उन्हें 1956 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

ट्रांजिस्टर तीन प्रमुख प्रकार के होते हैं: NPN (नेगेटिव-पॉजिटिव-नेगेटिव), PNP (पॉजिटिव-नेगेटिव-पॉजिटिव), और MOSFET (मेटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर फ़ील्ड इफ़ेक्ट ट्रांजिस्टर)। इनमें से प्रत्येक ट्रांजिस्टर तीन प्रमुख प्रकार की संरचना और विद्युत संकेतों को नियंत्रित करने के लिए अलग-अलग तरीकों का उपयोग करता है।

What is Transistor

एक ट्रांजिस्टर में तीन प्रमुख पिन होते हैं: एक एमिटर, एक कलेक्टर और एक बेस (PNP और NPN) या गेट (MOSFET)। एक NPN ट्रांजिस्टर में, कलेक्टर पिन पॉजिटिव विद्युत सप्लाई से जुड़ा होता है,बेस निकासी पिन होता है और एमिटर पिन ग्राउंड से जुड़ा होता है। PNP ट्रांजिस्टर में, कलेक्टर पिन निगेटिव विद्युत सप्लाई से जुड़ा होता है, बेस निकासी पिन होता है और एमिटर पिन ग्राउंड से जुड़ा होता है।

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ट्रांजिस्टर की मुख्य कार्यप्रणाली तीनों पिन के मध्य विद्युत संकेतों को नियंत्रित करना होता है। निकासी पिन (बेस) पर आने वाले छोटे विद्युत संकेत के कारण कलेक्टर पिन के बीच प्रवाहित विद्युत संकेत को नियंत्रित किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, ट्रांजिस्टर विद्युत संकेतों को प्रबंधित (control) करता है और स्विचिंग और अन्य कार्यों को संचालित करता है।

ट्रांजिस्टर का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जैसे कि एकल सरल चालक (एससी) अथवा एकल सरल अभिलेखीय चालक (एसी) बनाने के लिए, संचार सरणी और नाइट्रॉनिक मेमोरी बनाने के लिए, स्विचिंग उपयोग करके और अन्य उद्देश्यों के लिए। यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जिसका उपयोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है, जैसे कि कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टीवी, विद्युत वाहन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।

Denoting Letter – किसी भी सर्किट डायग्राम में ट्रांजिस्टर को T से प्रदर्शित किया जाता है।

PNP और NPN दोनों ट्रांजिस्टर के प्रकार होते हैं।

PNP ट्रांजिस्टर तीन प्राथमिक सेमीकंडक्टर लेयरों से बना होता है। इसके एक प्रकार के सेमीकंडक्टर निर्माता दो अन्य प्रकार के सेमीकंडक्टर के बीच रखा जाता है। यह एक संचार डिवाइस होता है, जिसे एक Signal को बढ़ावा देने या उसे कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। PNP ट्रांजिस्टर को Active करने के लिए, एक positive voltage प्रदान किया जाता है, जो इसके बेस टर्मिनल को negative voltage प्रदान किया जाता है। इससे कलेक्टर-एमिटर जंक्शन पॉजिटिव धारा को खींचता है जो इससे Active होता है।

PNP transistor

NPN ट्रांजिस्टर भी तीन सेमीकंडक्टर लेयरों से बना होता है, लेकिन इसके दो नेगेटिव सेमीकंडक्टर निर्माताओं के बीच एक पॉजिटिव सेमीकंडक्टर निर्माता रखा जाता है। NPN ट्रांजिस्टर को सक्रिय करने के लिए, एक नकारात्मक संदर्भ प्रदान किया जाता है, जो इसके बेस टर्मिनल को पॉजिटिव धारा के साथ बांधता है।

NPN transistor

ट्रांज़िस्टर के कार्य | Working of Transistor

ट्रांज़िस्टर एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है जो इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में स्विचिंग और अंपलीफायर के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक संदर्भों में होता है, जहाँ इलेक्ट्रॉनिक संकेतों को विभिन्न तरीकों से नियंत्रित किया जाना चाहिए।

ट्रांजिस्टर में तीन प्राथमिक टर्मिनल होते हैं: बेस, कलेक्टर और एमिटर। बेस टर्मिनल से उपयोगकर्ता एक सिग्नल प्रदान करता है जो कलेक्टर और एमिटर टर्मिनल के बीच एक बारिकरी जंक्शन को नियंत्रित करता है। यदि ट्रांजिस्टर PNP है, तो बेस पर धनात्मक वोल्टेज का उपयोग किया जाता है और NPN ट्रांजिस्टर के लिए उतारव वोल्टेज का उपयोग किया जाता है।

ट्रांजिस्टर के कार्य हैं

  1. स्विचिंग | Switching: ट्रांजिस्टर को स्विच के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जब इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के अंदर सिग्नल को आगे बढ़ाने और विभिन्न समयों पर बंद करने की जरूरत होती है।
  2. अंपलीफायर | Amplifier: ट्रांजिस्टर अंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है जब एक संकेत को बढ़ाने की जरूरत होती है। ट्रांजिस्टर में एक छोटी सी संख्या के इलेक्ट्रॉन के बिजली विद्युत विद्युत आंदोलन को अंतिम बाह्य संचारित विद्युत धारा तक पहुंचने में सक्षम होते हैं, इससे संकेत को बढ़ाया जा सकता है। आसन भाषा में बोले तो यह यह लो सिग्नल को हाई सिग्नल में कन्वर्ट करता है।
  3. ओसिलेटर | Oscillator: ऑसिलेटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो संदिग्ध निर्देश स्रोत को उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जाता है। एक ऑसिलेटर को एक विशिष्ट विद्युतीय तरंग उत्पन्न करने के लिए डिजाइन किया जाता है। इसे बाईस जंक्शन ऑसिलेटर (BJT) या फिएट ऑसिलेटर (FET) के माध्यम से कर सकते हैं। आसन भाषा में बोले तो इसका कार्य DC Current को AC करंट में कन्वर्ट करता है तथा AC सिग्नल बना होता है। इन ऑसिलेटर्स का उपयोग विभिन्न उपयोगों के लिए किया जाता है जैसे कि रेडियो, टेलीविज़न, विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स आदि।
  4. संचार | Communications: ट्रांजिस्टर संचार में भी उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग रेडियो, टेलीफोन, सेलुलर फोन, सेटेलाइट नेटवर्क, इंटरनेट आदि में संदिग्ध निर्देश के लिए किया जाता है। यह विभिन्न संचार उपकरणों में संदिग्ध निर्देश को अनुमति देता है जो इंटरनेट, ईमेल, संगीत स्ट्रीमिंग, वीडियो संचार, आदि में उपयोग किया जाता है।
  5. संशोधक | Modifier: ट्रांजिस्टर संशोधकों में भी उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग उच्च तन्त्रों जैसे कि कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टेलीविज़न, आदि में डिजिटल संदिग्ध निर्देश को अनुमति देता है। एक डिजिटल संशोधक एक लॉजिक गेट होता है जो दो अवस्थाओं (ऊपर या नीचे) के बीच स्विच का काम करता है। एक बाईस जंक्शन ट्रांजिस्टर (BJT) या एक फिएट ट्रांजिस्टर (FET) डिजिटल संशोधक के रूप में उपयोग किए जाते हैं।
  6. मॉडुलेशन | Modulation: ऑडियो सिग्नल को रेडियो सिगनल में कन्वर्ट करता है।
  7. डिमॉड्यूलेशन | Demodulation: यह रेडियो सिग्नल को ऑडियो  सिग्नल में कन्वर्ट करता है।

ट्रांजिस्टर का उपयोग | Use of Transistors

ट्रांजिस्टर एक अहम उपकरण है जो विभिन्न उद्देश्यों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग किया जाता है। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:

  1. अम्पलीफायर | Amplifier: ट्रांजिस्टर एक अम्पलीफायर उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है, जो एक छोटे से संदर्भ में विद्युत संकेतों को बढ़ावा देता है। इसे लो शोर (low noise) और हाई शोर (high noise) अम्पलीफायर भी कहा जाता है।
  2. ऑसिलेटर | Oscillator: ट्रांजिस्टर एक ऑसिलेटर उपकरण के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जो संदर्भ में उच्च आवृत्ति संदर्भों को बनाता है। यह संदर्भ सिग्नल को एक संचार में बदलता है जो उच्च आवृत्ति द्वारा ट्रांसमिशन किया जा सकता है।
  3. लॉजिक सर्किट | Logic Circuit: ट्रांजिस्टर एक लॉजिक सर्किट के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जो दो स्थितियों (ऊपर या नीचे) के बीच स्विच का काम करता है। इसे डिजिटल संशोधक के रूप में भी जाना जाता है।
  4. पावर सप्लाई | Power Supply: ट्रांजिस्टर एक पावर सप्लाई उपकरण के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जो उच्च वोल्टेज और उच्च प्रदर्शन के लिए डिजाइन किया गया है। यह उपकरण उच्च शक्ति के उपयोगों के लिए उपयोगी होता है जैसे कि अंप बूस्टर, स्विचिंग रेगुलेटर, इन्वर्टर, एच-ब्रिज इन्वर्टर आदि।
  5. संचार | Communications: ट्रांजिस्टर विभिन्न संचार उपकरणों में भी उपयोग किया जाता है, जैसे रेडियो, टेलीविजन, मोबाइल फोन, संचार टावर आदि।
  6. संशोधक | Modifier: ट्रांजिस्टर को संशोधक उपकरण के रूप में भी उपयोग किया जाता है, जो एक इनपुट सिग्नल को दूसरे सिग्नल में बदलता है। इसे संशोधक, संशोधक या सिग्नल प्रोसेसर के रूप में भी जाना जाता है।
  7. कंप्यूटर | Computer: ट्रांजिस्टर के आविष्कार ने कंप्यूटर के विकास को तेजी से बढ़ाया है। अब कंप्यूटर में बिल्ट-इन ट्रांजिस्टर होते हैं, जो उच्च तेजी वाले कार्यों को संभव बनाते हैं।
  8. इलेक्ट्रॉनिक्स | Electronics: ट्रांजिस्टर का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में भी किया जाता है। यह उद्योग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कि मोटर ड्राइवर, आईसी, माइक्रोकंट्रोलर, सेंसर, लोगिक गेट आदि के लिए ट्रांजिस्टर का उपयोग करता है।
  9. अंतरिक्ष | Space: ट्रांजिस्टर का उपयोग अंतरिक्ष उद्योग में भी किया जाता है। इस उद्योग में, ट्रांजिस्टर उच्च तेजी वाले एलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे कि स्पेस क्राफ्ट, सेंसर, दूरसंचार साधन, उपग्रहों के संचालन के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  10. वाहन | Vehicle: ट्रांजिस्टर का उपयोग वाहन उद्योग में भी किया जाता है। वाहनों में एंटीलॉक ब्रेकिंग सिस्टम, एयरबैग सिस्टम, इंजन कंट्रोल सिस्टम आदि में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है।
  11. आधुनिक औद्योगिक उपकरण | Modern Industrial Equipment: ट्रांजिस्टर का उपयोग आधुनिक उद्योगिक उपकरणों में भी किया जाता है। उदाहरण के लिए, विद्युत उपकरण, स्प्रेय पेंट मशीन, रोबोट, एल्यूमिनियम मेल्टर आदि के लिए ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता है।

इस प्रकार, ट्रांजिस्टर का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। यह इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को तेजी से और सहज बनाने में मदद करता है।

SMD ट्रांजिस्टर क्या है | What is SMD Transostor

SMD ट्रांजिस्टर (Surface Mount Device Transistor) एक प्रकार का ट्रांजिस्टर है जो सतह पर सीधे ट्रांजिस्टर के पिन के साथ सोल्डर किए जाने वाले पैकेज में होता है। यह एक पैकेज के रूप में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ एकीकृत किया जाता है और सतह माउंट प्रौद्योगिकी (Surface Mount Technology) के अनुसार बनाया जाता है।

What is MOSFET | मोस्फेट क्या है, उपयोग, प्रकार, मल्टीमीटर टेस्टिंग

SMD ट्रांजिस्टर छोटे आकार के होते हैं जिनमें से अधिकांश दो प्रमुख ट्रांजिस्टर टाइप होते हैं: NPN (Negative-Positive-Negative) और PNP (Positive-Negative-Positive)। इन ट्रांजिस्टर को प्रदान किए जाने वाले धातु संबंधी संकेतों का प्रयोग करके इन्हें खास पहचाने जा सकते हैं।

SMD ट्रांजिस्टर छोटे साइज के कारण प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) पर सीधे माउंट हो सकते हैं और SMD ट्रांजिस्टर का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण में उपयोग होते हैं। ये ट्रांजिस्टर आपके सिस्टम में बिजली के बिना एक अच्छी तरह से काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं और इलेक्ट्रॉनिक सर्किटों में स्विचिंग और एम्प्लिफिकेशन कार्य करते हैं। SMD ट्रांजिस्टर आपको विभिन्न विद्युत परियोजनाओं में उपयोगी संगठनों और सर्किटों के रूप में देखा जा सकता है, जहां स्थान की कमी के कारण छोटे आकार की आवश्यकता होती है।

SMD transistor

इसके अलावा, SMD ट्रांजिस्टरों के पैकेज को सर्किट बोर्ड पर सीधे माउंट करने के लिए विशेष उपकरणों की जरूरत नहीं होती है, जिससे निर्माण की कीमत और समय कम होते हैं। इन्हें स्थापित करने के लिए आपको ट्रांजिस्टर के पिन्स को ठीक या विशेष पैटर्न के साथ सर्किट बोर्ड पर रखना होता है और फिर उन पिन्स को सोल्डर के माध्यम से जोड़ना होता है ताकि वे सुरक्षित रहें और सर्किट में स्थिरता सुनिश्चित हो।

SMD ट्रांजिस्टरों के बारे में ध्यान देने योग्य कुछ अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं में उनकी अच्छी ताप प्रवाही क्षमता होती है, जो उन्हें उच्च तापमान पर भी सुरक्षित बनाती है। ये ट्रांजिस्टर उच्च चर गति और बड़ी तापमान पर भी विशेषता सुनिश्चित करते हैं, जो कठिनाइयों को सुलझाने में मदद करती हैं।

एक और लाभ स्थान की बचत है, जिसे यह द्वारा प्राप्त करता है कि इन ट्रांजिस्टरों को सर्किट बोर्ड के एक साथ कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में एकीकृत किया जा सकता है। इससे सिस्टम का आकार कम होता है और उपयोगकर्ता को अधिक संगठित और छोटा आकार का उपकरण मिलते हैं।

इस प्रकार, SMD ट्रांजिस्टर एक सुविधाजनक, छोटे आकार और सर्किट बोर्ड पर सीधे माउंट होने के कारण व्यापक उपयोग किया जाने वाला ट्रांजिस्टर है। यह उच्च घटक संख्या और सांख्यिकी उपकरणों में इस्तेमाल होता है, जैसे कि कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, माइक्रोकंट्रोलर, डिजिटल लॉजिक सर्किट्स, संचार प्रणाली, संगणक, संगणकीय प्रोसेसिंग यूनिट्स (CPUs), और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण।

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SMD ट्रांजिस्टरों के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे कि एनपीएन (NPN) और पीएनपी (PNP) ट्रांजिस्टर, जो अपनी संरचना और कार्यक्षमता के आधार पर विभाजित होते हैं। इन ट्रांजिस्टरों के विभिन्न संशोधन और प्रावृट्टि परिपत्रों में उपयोग होते हैं, जिनमें इनके गुणों, धातु संबंधी चरित्रिका, और चालकता की जानकारी शामिल होती है।

सामान्य रूप से, SMD ट्रांजिस्टरों को उनके पैकेज के नाम से पहचाना जाता है, जैसे कि SOT-23, SOT-323, SOT-523, SOT-223, SOT-363, SOT-883, और इत्यादि। ये पैकेज विभिन्न आकारों, पिन की संख्या और व्यावसायिक आवस्ता प्रदान करते हैं। विभिन्न SMD ट्रांजिस्टर पैकेज में पिन्स की संख्या और व्यावसायिक आवर्तन के अनुसार, पिन्स को नंबर और आवर्तन कोडिंग किया जाता है ताकि उन्हें सही ढंग से जोड़ा जा सके।

एक SMD ट्रांजिस्टर के उपयोग में कुछ महत्वपूर्ण बातें होती हैं जैसे कि प्राथमिक संकेत, मानकीकरण(Standardization), और विशेषताओं की जानकारी। इन ट्रांजिस्टरों को इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन में उच्च संगठन और प्रदर्शन के साथ इंटीग्रेट किया जाता है, और वे संगठित सर्किट डिजाइन का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।

संक्षेप में, SMD ट्रांजिस्टर छोटे आकार, सर्किट बोर्ड पर सीधा माउंट होने की क्षमता, और उच्च प्रदर्शन के कारण आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग होते हैं। ये ट्रांजिस्टर विभिन्न प्रकार के संगणकीय और संचार प्रणालियों में उपयोग होते हैं और उपकरणों को संकुचित, निर्माणीय और उच्च प्रदर्शन वाले बनाने में मदद करते हैं।

ट्रांजिस्टर का मल्टीमीटर से टेस्टिंग | Transistor Testing with Multimeter

Transistor Digital Multimeter

 

ट्रांजिस्टर को मल्टीमीटर की मदद से टेस्ट करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जा सकता है:

  1. सबसे पहले, मल्टीमीटर को डायोड-टेस्टिंग मोड में सेट करें।
  2. अब, प्रत्येक ट्रांजिस्टर पिन को एक-एक करके मल्टीमीटर के पोजिटिव और नेगेटिव टेस्टिंग पोइंट्स से कनेक्ट करें।
  3. पहले पिन के लिए, पोजिटिव टेस्टिंग पोइंट को कनेक्ट करें और दूसरे पिन को नेगेटिव पोइंट से कनेक्ट करें। अब, मल्टीमीटर को चेक करें कि क्या डायोड-टेस्टिंग मोड में एक डायोड की तरह ट्रांजिस्टर के पहले पिन से दूसरे पिन में वैल्यू शो हो रहा है।
  4. अब दूसरे पिन के लिए, पोजिटिव टेस्टिंग पोइंट को इस पिन से कनेक्ट करें और पहले पिन को नेगेटिव पोइंट से कनेक्ट करें। अब, मल्टीमीटर को चेक करें कि क्या डायोड-टेस्टिंग मोड में एक डायोड के रूप में ट्रांजिस्टर के दूसरे पिन से पहले पिन में वैल्यू शो हो रहा है
  5. अब, ट्रांजिस्टर के तीसरे पिन को पहले पिन से जोड़ें और दूसरे पिन से ट्रांजिस्टर के चौथे पिन को जोड़ें। अब, मल्टीमीटर को चेक करें कि क्या डायोड-टेस्टिंग मोड में एक डायोड के रूप में ट्रांजिस्टर के तीसरे पिन से चौथे पिन में वैल्यू शो हो रहा है।

इस तरह से, मल्टीमीटर के डायोड-टेस्टिंग मोड का उपयोग करके आप ट्रांजिस्टर के सभी तीन पिनों की जाँच कर सकते हैं। यदि ट्रांजिस्टर सही होता है, तो उसमें विद्युत बहती (Flow) होगी और मल्टीमीटर डायोड-टेस्टिंग मोड में एक डायोड के रूप में काम करेगा।

तो दोस्तों आज के इस Post में हमने देखा कि ट्रांजिस्टर क्या है (What Is Transistor)  यह कैसे काम करता है इसका उपयोग कैसे किया जाता है आशा करते हैं कि यह Post आप को पसंद आया होगा आपको इसी तरह का और Post मिलते रहे इसके लिए आप हमारी website को Follow करते रहो आशा करते हैं कि आज की ये टॉपिक में हमने हैं तो आपको Transistor के बारे में सही जानकारी दिया है अगर आपको किसी भी प्रकार की समस्या है तो आप हमारे Comment Box में Comments कर सकते हैं और अगर यह Post आपको अच्छा लगा तो अपने दोस्तों को Share करे Comment और Like करे। धन्यावाद

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मैं खोमन साहू इस ब्लॉग का संस्थापक और एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हूं। यहाँ पर मैं अपने अनुभव नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करता हूं।

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