Wireless Charger क्या है? कैसे काम करता है? – इस जोखिम से बचायें अपने स्मार्टफोन को!

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Wireless Charger कैसे काम करता है?

नमस्ते पाठकों, आइए आज कुछ नया और रोचक जानने का संकल्प लें। यदि आपने कभी सोचा है कि Wireless Charger कैसे काम करता है, तो आप सही जगह पर हैं। इस लेख में, हम वायरलेस चार्जिंग की कार्यविधि को विस्तृत रूप से जानेंगे।

टेक्नोलॉजी की समझ

Wireless Charger सुविधा कंडक्टिव चार्जिंग की एक प्रकार होती है। अब, यह बिलकुल जरूरी है कि हमें यह समझने की कोशिश करें कि कंडक्टिव चार्जिंग क्या है।

कंडक्टिव चार्जिंग क्या है?

“कंडक्टिव चार्जिंग” ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बिजली को वायर्स के बिना एक उपकरण से दूसरे उपकरण में स्थानांतरित किया जाता है। Wireless Charger में, चार्जर और उपकरण के बीच बिजली का संचारण इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड के माध्यम से होता है, जिसमें कोई भी तार या केबल नहीं होता।

Wireless Charger कैसे काम करता है?

Wireless Charger नामक इस प्रक्रिया के पीछे, इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड का उपयोग होता है। तो, चलिए इसके विस्तृत कार्यविधी को समझते हैं।

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इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड के द्वारा चार्जींग

Wireless Charger के अंदर एक ट्रांसमिटर कोइल होता है जो इलेक्ट्रिकल ऊर्जा को इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड में परिवर्तित करता है। जब कोई योग्य डिवाइस इस चार्जर के समीप रखा जाता है, डिवाइस का रिसीवर कोइल इस फील्ड को पकड़ता है और फिर उसे वापस बिजली में परिवर्तित करता है ।

  • बिजली का स्रोत चार्जर की तरफ से आता है।
  • तार को शुरू करने पर इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड उत्पन्न होती है।
  • इस फील्ड को डिवाइस का रिसीवर कोइल पकड़ता है।
  • रिसीवर कोइल इसे बिजली में बदलता है, जिससे आपका डिवाइस चार्ज होता है।

“Wireless Charger एक प्रकार की कंडक्टिव चार्जिंग है, जिसमें आपके डिवाइस को चार्ज करने के लिए विद्युत ऊर्जा के संचारण के लिए इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड का उपयोग किया जाता है।”

इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड क्या है?

इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड वह क्षेत्र होता है जो विद्युत चुंबकीय क्षेत्र और विद्युत धाराओं को घेरे रखता है। यह एक क्षेत्र होता है जो विद्युत चार्ज या चुंबकीय धाराओं को प्रभावित करता है और उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाता है। इसका आविष्कार माइकेल फारेडे द्वारा किया गया था। इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड सूत्रों, तरंगों, ऊर्जा और धाराओं के प्रवाह को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस फील्ड की मात्रा और दिशा विद्युत चार्ज की संकेत को दर्शाती है। इलेक्ट्रोमैगनेटिक फील्ड सभी इलेक्ट्रिक चार्ज के चारों ओर मौजूद होता है, चाहे वह स्थिर हों या फिर चालित हों।

यह फील्ड विभिन्न प्रकार के ऊर्जा तरंगों को प्रेरित कर सकता है और विभिन्न तकनीकी उपयोगों में भी उपयोग किया जाता है, जैसे कि वायरलेस संचार, इलेक्ट्रोमैगनेटिक इंटरफीरेंस, और विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस की कार्यक्षमता में सुधार।

Wireless Charger के फायदे

Wireless Charger का मुख्य फायदा यह है कि आपको बार-बार चार्जर के वायर को प्लग और अनप्लग करने की चिंता नहीं होती है। साथ ही, यह कनेक्टर डैमेज होने से रक्षा करता है, क्योंकि इसे बार-बार उपकरण से निकलने और डालने की आवश्यकता नहीं होती।

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सही तरीका नहीं मानते एक्सपर्ट?

कुछ एक्सपर्ट्स वायरलेस चार्जिंग को ठीक नहीं मानते हैं क्योंकि कुछ मामलों में यह काम नहीं कर सकता है या फोन को नुकसान पहुंचा सकता है। वायरलेस चार्जिंग से फोन की बैटरी जल्दी गर्म हो सकती है, जो कुछ मॉडल्स के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

जब बैटरी ज्यादा हीट को सहन नहीं कर पाती है, तो यह उसकी उम्र को कम कर सकता है और फोन को खराब होने का कारण बन सकता है। कुछ फोन्स के डिज़ाइन में ऐसी कमियां हो सकती हैं जो इस तकनीक के सही तरीके से काम न करने की वजह बनती हैं। इसके अलावा, कुछ वायरलेस चार्जिंग पैड्स या स्टेशन्स में कनेक्टिविटी में समस्याएं हो सकती हैं, जिससे फोन बार-बार डिस्कनेक्ट होता है।

यह सभी मुद्दे फोन के मॉडल, उपयोग की तकनीक और वायरलेस चार्जिंग डिवाइस की क्वालिटी पर निर्भर करते हैं। इसलिए, कुछ एक्सपर्ट्स वायरलेस चार्जिंग को सही तरीके से काम न करने वाला और कुछ फोन्स के लिए अनुचित मान सकते हैं।

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अगर आप वायरलेस चार्जिंग का उपयोग कर रहे हैं और इसमें समस्या आ रही है, तो सर्वश्रेष्ठ होगा कि आप उपयोगकर्ता मैनुअल को ध्यान से पढ़ें, और यदि आपको फिर भी समस्या आ रही है, तो कंपनी की सहायता लें या किसी तकनीकी एक्सपर्ट से सलाह लें।

Conclusion

Wireless Charger तकनीकी रूप से प्रगति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसने हमारे दैनिक जीवन को और अधिक सुविधाजनक बनाया है। यदि आपने अपना पहला वायरलेस चार्जर खरीदने का सोचा है, तो अब आप जानते हैं कि यह कैसे काम करता है और आपके लिए कैसे लाभदायक हो सकता है।

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मैं खोमन साहू इस ब्लॉग का संस्थापक और एक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हूं। यहाँ पर मैं अपने अनुभव नियमित रूप से अपने पाठकों के लिए उपयोगी और मददगार जानकारी शेयर करता हूं।

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